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serial
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Posted on 07-28-08 8:59
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~ चौतारी १२४ ~
हाँसो
ठट्टा र खुसी बाँड्दै, र मुक्तक, कविता, गजल, कथा आदिमा रमाउँदै अनेकन
उकाली ओरालीहरु पार गरेर हामी चौतारीको १२४ औं संस्करणमा आइपुगेका
छौं।अहिले यस चौतारी सिमाना पूर्व मेचीबाट बढेर जापानसम्म पुगेको छ भने
पश्चिम महाकालीबाट बढेर अमेरिकासम्म बढेको छ।अत एव, सधैं घाम लागिरहने पनि
यस चौतारीको विशेषता हो। यस्तो चौतारीमा पाल्नुहुने तपाईंहरुलाई कोटी कोटी
स्वागत छ।
"जात,धर्म्,लिंग,राजनिति,भाषा,ब्यक्तिगत
रिसइबी जस्ता कुरालाइ तिलाञ्जली दिएर मात्रै 'हामी नेपाली' हौ भन्ने र
एकआपसमा मित्रभावले रामाइलो गर्न आउनेहरुलाइ चौतारीको बर-पिपल ले हार्दिक
स्वागत गर्छ"
Meet the
world's finest school teachers, unbeatable students, mischievous
senior citizens, wildest , vacationing revolutionaries, rethinking
moderates, instant dreamerspoets, gifted story-tellers, pot smokers,
alcoholics, workoholics, home-makers, pretty damsels, fierce
contenders, homelanders, laa-hoo-rays, all on the stage of Chautari of
Sajhaland.
Chautari (Chow-tar-ee): (World's first and finest internet IMPROV in Nepali language)
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Maaili_Budhi
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Posted on 07-28-08 10:11
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बा लहरे धन्य बाद बाबु तिमलाइ मेरो आखाँ बाट आसु आयो खुब रामरो कुरा हेरन पाइ का बाबु
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Maaili_Budhi
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Posted on 07-28-08 10:12
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ल त बा ठुल्दाइ सपना मा सिरदेबि बुहारि आउन का
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serial
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Posted on 07-28-08 10:15
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ल म पनि सुकुला हुनु पर्यो है बजै शुभरात्री
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Rahuldai
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Posted on 07-28-08 10:15
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हे बौचा न्हाच नक्कली म्ह: ठुलदाई धका लाको पाक्को धयागु ला? गप: या खिती लिका माल ला? अयला ला छु, अयला या कला तक नं मत्वना , अयागु थज्यागु म्ये धका। आसे छ बौचा, नाप जक लात कि ..........................
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serial
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Posted on 07-28-08 10:16
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miss_ me
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Posted on 07-29-08 6:57
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हरिशरणम!
लौ केटाटी हो रामरी हिन करे दैलआँ, भर्खर जो लिपपोत अरेकिम --चिप्लेलाउ भन्चु :)
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Rahuldai
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Posted on 07-29-08 8:19
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तारेमाम गाम्लेहरु ! मंगलबारे गन्नुमय जदौ!
मास्टरनी नानी ले बिहानी दैलो लितपोत गर्नु भएको रहेछ, झन्डै लड्या। चिया खै चेली, दीपु, पिया, अनी सान्नानी?
तारेमाम मास्टरनी नानी ।
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Birkhe_Maila
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Posted on 07-29-08 8:21
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यो मंगलबारे बिहानीमा सम्पूर्ण चौतारीबासिहरुमा हामि जदौ टक्र्याउन चाहन्छौँ, जदौ!
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chipledhunga
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Posted on 07-29-08 8:36
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मंगलवारे तारेमाम चिया नास्ता खान पाम्।
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Maaili_Budhi
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Posted on 07-29-08 8:40
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लौ केटाटि हो म पनि आइच्चु का चौपारिया मिसमि नानि दैलो पोतिचिन्करे सबेरै पधेरा जानु परदैन र
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Rahuldai
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Posted on 07-29-08 8:42
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तारेमाम बिर्खे अनी चिप्ले । चिया खान पाम भनेर अघी नै भनेको तारेमाम । सुनेको भए मरिजाम।
केही भन्नु नहुने फेरी, समाबेशि गणतन्त्रमा गन तन्त्र ल्याउला भन्ने डर। बिर्खे बा लाई सोध्ये हुन्छ, बाउसो ले कपाल गोड्ने कार्यक्रम बन्छ फेरी।
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Maaili_Budhi
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Posted on 07-29-08 8:45
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Maaili_Budhi
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Posted on 07-29-08 8:46
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सान्नानी
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Posted on 07-29-08 8:49
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namaskar !!! chiya nasta lyaae hai
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Birkhe_Maila
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Posted on 07-29-08 8:53
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गन्नुभाई- " अबे काणा, ये हठेला इधर काहेकु मररेली बिल्लिके माफिक झुकेला है?"
रिठे काणा- "भाई वो बोले तो अपुनका हठेला टेन्सनवामे है?"
गन्नुभाई- " काहे कु टेन्सनवामे है रे हठेला तु?"
दीप हठेला-( सर उठाते हुवे) " भाई अपुनको बोलनेका दिल नक्को है रे!"
गन्नुभाई- (दीप हठेला और रिठे काणा दोनोको देखते हुवे) " अबे क्या हुवा रे? तेरि विवि भाग गइ क्या? तेरे
बच्चे यतिम हो गए क्या?"
रिठे काणा- "नक्को भाई, वो अपुनका हठेला जो है चुकुल बन्द करके उसका चाबि भुलगेला है!"
गन्नुभाई- " चाबि भुलगेला है? अबे फकिरके घरके आखिरि चावल, तो नवाँ बनानेका इसके टेन्शन काहे कु?"
रिठे काणा- " भाई वो नवाँ बनानेके वास्ते गएला था पन उधर रस्तेमे पतंगबाजीके चक्करमे फिर से भुलगेला है!"
गन्नुभाई- " अबे तरबुजसे निकलेला काला बिज, तब फिर से बनाकेका था न!"
रिठे काणा- " भाई फिर से बनानेको गएला था, पन इसबार भि वो कोइ शृङ्खला करके इपिसोडमे फँसगेला है
भाई!"
गन्नुभाई- "अबे बुझरेली आरतीपे बिखरेला फूल, ये बार बार फँस काहेकु जाता है रे?"
रिठे काणा- " भाई वो कोइ जिम्माल करके बुढउने इसको सपना दिखाके क्लाइमेक्सपे परदा गिरादिया!"
गन्नुभाई- "तो?"
रिठे काणा- "तो भाई जबसे उधर पँधेरामे रोमांसके टेमपे टकराकर गिरनेके बाद सरपे चोट खाया तबसे सब
क्लाइमेक्सके टेमपे भुलभाल जारेला है!"
गन्नुभाई- " अब इस बिन दाडिके देवदासको कैसे ठिक करेंगा?"
रिठे काणा- " भाई सिम्पल है, एक मस्ट आइटम तरुनि ढुँढके लानेका और फटाकसे इसके आगे खडा
करनेका!"
गन्नुभाई-" हम्म्म...ठिक है काणा जल्दी जा और दो तरुनि ढुंढके ला!"
रिठे काणा- (दाँत दिखाते हुवे) " दो....ठिक है भाई,भाई तु ग्रेट है, साथ साथ मेरे लिए भि तरुनि लानेको बोला!"
गन्नुभाई- "अबे टमाटरके आखिरि दाने, तेरा भाई गन्नु भाई मरगेला है क्या?"
रिठे काणा- (ट्वाँ पड्ता है)
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Rahuldai
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Posted on 07-29-08 9:08
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तारेमाम मैली बजै।
कता तिरे हेरेर हात जोड्ने? त्यो गन्नु भाय तिर कि बजै तिर?
सान्नानी कती ज्ञानी । तारेमाम । चिया र मफिन हाम।
बिर्खे बा लोल
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chipledhunga
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Posted on 07-29-08 9:15
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सान्नानी, मिठो नास्ता खुवायौ, धन्यवाद। जिम्मालबा लोल।
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norton
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Posted on 07-29-08 9:19
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सर्बप्रथम त सप्पै औतारिहरुलाई मंगलमय सलाम। लोल @ जिम्माल। गन्नु सिरिज रिभाइभ गरेको मा धन्यवाद। लोल @ ठुल्दाइ। माइली भाउजु लाई मैली भनेकोमा। तारेमाम
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Maaili_Budhi
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Posted on 07-29-08 9:19
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तारेमाम् राहुलभाइ नाति ए बा काँ म तिर हेर्नि हुदो हो गनपति बाबा लाइ हेरेर हात जोड का
कस्ता हुन का इनुर त खान को मात्रै ध्याउनो छ का
हरि सरनम् हरि सरनम्
क
Last edited: 29-Jul-08 09:27 AM
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Maaili_Budhi
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Posted on 07-29-08 9:22
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नोरटन नाति तारेमाम् बा सन्चै छौ करे बा घराँ जान बच्चा लाइ सन्चै होलान करे
Last edited: 29-Jul-08 09:26 AM
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